Sep 19, 2025, 15:44
क्या हुआ है?
केरल में Naegleria fowleri नामक अमीबा संक्रमण के मामलों में इस साल अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इस अमीबा को “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” कहा जाता है क्योंकि यह संक्रमित पानी नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश कर मस्तिष्क तक पहुँचता है और वहां से गंभीर मस्तिष्क संक्रमण (Primary Amoebic Meningoencephalitis, PAM) उत्पन्न करता है।
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संख्या क्या कहती है?
इस साल अब तक 69 पुष्ट मामले दर्ज हुए हैं; इनमें से 19 मौतें हुईं।
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पिछले साल की तुलना में मामले लगभग दोगुने हो गए हैं: पिछली बार कोविड-प्रकरणों की तरह नहीं, लेकिन अमीबा संबंधित मामलों में 36 रिपोर्ट्स के बगैर 9 मौतें हुई थीं।
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इस वर्ष सेप्टेंबर महीने में भी मामलों की संख्या में इज़ाफा हुआ है।
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किस प्रकार फैलती है?
यह अमीबा मुख्यतः ऐसे पानी में पाई जाती है जो गर्म हो, खारा न हो, जैसे नदी, तालाब, सरकारी वॉटर टैंक्स, सार्वजनिक स्नान स्थान आदि।
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संक्रमण तब होता है जब संक्रमित पानी नाक में जाता है, उदाहरण के लिए तैरने, नहाने या साफ-सफाई करते समय।
Al Jazeera
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यह व्यक्ति-से-व्यक्ति द्वारा नहीं फैलती।
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नियंत्रण एवं बचाव की कवायदें
केरल सरकार ने सार्वजनिक स्नान स्थलों, कुओं, पानी की टैंकों आदि में क्लोरीनेशन की शुरुआत कर दी है।
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miltefosine नामक दवा का उपयोग शुरू किया गया है, जो अन्य औषधियों और सपोर्टिव केयर के साथ मिलकर PAM के इलाज में उपयोगी साबित हो रही है।
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जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, ताकि लोग संक्रमित पानी से बचें और शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
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क्या खतरा ज्यादा है?
हां, खतरा इसलिए बढ़ गया है क्योंकि इस साल मामले पूरे राज्य में फैल रहे हैं, न कि कुछ सीमित इलाकों में।
Al Jazeera
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जितनी जल्दी संक्रमण मस्तिष्क तक पहुँचे, उतना ही इलाज मुश्किल हो जाता है; मृत्यु दर पहले की तुलना में कुछ बेहतर हुई है केरल में, पर फिर भी बहुत अधिक है।
Reuters
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