Sep 24, 2025, 12:22
सूरत के न्यू सिविल अस्पताल (NCH) में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें अस्पताल का स्टाफ—नर्स, सुरक्षा कर्मी और अन्य कर्मचारी—एक कमरे में असाराम बापू की फोटो के सामने आरती और प्रणाम करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
The Times of India
बहुत से लोगों ने इस घटना को सार्वजनिक अस्पताल में एक दोषपूर्ण उदाहरण कहा क्योंकि असाराम बापू हत्या और बलात्कार के मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं।
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शहर में गुस्सा छाया है और लोग यह पूछ रहे हैं — आखिर कैसे और क्यों अस्पताल के कर्मचारी ने ऐसा किया? इस घटना ने धार्मिक आस्था व सार्वजनिक संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन ने तुरंत आधिकारिक जांच का आदेश दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वीडियो असल में कहां, कब और किन लोगों द्वारा रिकॉर्ड किया गया था।
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मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और अस्पताल प्रबंधन तीनों अलग-अलग जांच कर रहे हैं।
आगे की कार्रवाई में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और संभवतः निलंबन या कार्यवाही की संभावना जताई जा रही है।
इस घटना ने जनता के बीच यह सवाल भी उठाया है कि सार्वजनिक संस्थाओं में कर्मियों की आस्था व्यक्त करने की सीमाएँ कहां तक हों — खासकर तब जब उस आस्था का विषय विवादित हो।