Oct 16, 2025, 11:45
लोकप्रिय गायक ज़ुबीन गर्ग के देहांत के बाद सोशल मीडिया पर उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का एक दस्तावेज़ वायरल हुआ है, जिसे लेकर भारी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि शव परीक्षण हो चुका है और उसमें मृत्यु के कारण बताए गए थे। हालांकि, असम क्राइम इंवेस्टिगेशन डायरेक्टरेट (CID) ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह मिथ्या बताते हुए स्पष्ट किया है कि वह दस्तावेज़ पूरी तरह फर्जी है।
CID ने उन लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है जो इस तरह की गलत सूचना फैलाते हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए, कोर्ट ने इस मामले से जुड़े पाँच व्यक्तियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। साथ ही, एक व्यक्ति महंता (Mahanta) नाम से भी पूछताछ की जा रही है, जो कथित रूप से इस वायरल रिपोर्ट के प्रसारण में शामिल था।
इस पूरे विवाद ने सोशल मीडिया पर “सत्यापित सूचना” और “मायाजाल” की समस्या को फिर से उजागर कर दिया है। ऐसे समय में, जनता को यह याद रखना चाहिए कि किसी भी संवेदनशील जानकारी को तुरंत साझा न करना चाहिए, बल्कि उसकी विश्वसनीयता की पुष्टि करनी चाहिए। सरकारी एजेंसियों का दावा है कि वह इस प्रकार की गलत खबरों के स्रोतों का पता लगाने और जवाबदेही तय करने में पूरी कसौटी से लगे हैं।